लगातार 13 साल तक शनि ग्रह के अपने मिशन का सफलतापूर्वक संचालन करने के बाद इस ग्रह तक पहुंचा पहला मानव निर्मित अंतरिक्षयान 'कैसिनी' अपना आखिरी और आत्मविध्वंसक उड़ान भरने को तैयार है। शुक्रवार 15 सितंबर को 3.26 डॉलर लागत वाले इस शनि मिशन का अंत करते हुए कैसिनी सौर्यमंडल के विशालकाय ग्रह शनि से टकराकर हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। कैसिनी मिशन टीम ने इस अंतरिक्ष यान को समाप्त करने का निर्णय शनि ग्रह के वृहद पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए लिया है। इस ग्रह के अपने ढ़ेरों चंद्रमा हैं। इनमे से कम से कम दो चंद्रमा ऐसे हैं जिनपर जीवन पनपने की अनुकूल परिस्थिति मौजूद है। इनका नाम है एन्सेलाडस और टाइटन। एन्सेलाडस के सतह के नीचे समुद्र मौजूद है वहीं टाइटन पर मीथेन के तालाब हैं। कैसिनी को नष्ट करके नासा के वैज्ञानिक यह सुनिश्चित करना चाहते हैंकि भविष्य में कभी यह अंतरिक्षयान इन चंद्रमाओं के पास पहुंचकर पृथ्वी से लाए गए किसी संभावित सूक्ष्म जीवाणु से इन्हें दुषित न कर दे। इस यान का ईधन अब कम हो चुका है। वैज्ञानिकों ने इससे संपर्क टूटने से पहले इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है। कैसिनी का प्रक्षेपण सन 1997 में हुआ था और वह सन 2004 में शनि ग्रह की कक्षा में पहुंचा था। पिछले 13 सालों से वह शनि और इसके 62 ज्ञात चंद्रमाओं के इर्द-गिर्द चक्कर काट रहा था और इनकी तस्वीरें और अन्य डाटा भेज रहा था। इस मिशन से प्राप्त डाटा के आधार पर कम से कम 4000 वैज्ञानिक पेपर प्रकाशित हुए हैं। अपने जीवन के अंतिम दिन यानी 15 सितंबर को यह मानव निर्मित अंतरिक्षयान इस ग्रह के छल्लों और इसके सतह के बीच कुल 22 गोते लगाएगा और अपने अंतिम गोते में यह शनि के वातावरण में प्रवेश कर हमेशा के लिए नष्ट हो जाएगा। अपने अंत समय तक कैसिनी पृथ्वी पर शनि से जुड़े महत्वपूर्ण डाटा भेजता रहेगा।
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